ऊँचा रास्ता , छूटा गाँव |
बना पुल और टूटी नांव |
भागी गाड़ी , बूढ़ा बैल |
चलता था जो नंगे पैर ||
पके बाल और मोटी नानी | सादी धोती , आँखों में पानी ||
छत पर मोर और टूटे पंख | भूरी मौरंग और ढूंढे शंख ||
खुला आँगन , चौड़ी दीवार | ३६ आले और छोटा किवाड़ ||
बीच में चूल्हा , चूल्हे में रोटी | बगल में सिलवट्टा , चटनी घोटी ||
सुबह की चाय , रात में दूध | अटरिया में बिस्तर , जगाए खुद धूप ||
ज़ेब में कंचे , ताश का खेल | मिट्टी के चक्के , धागे की रेल ||
नीम का पेड़ , निबौरी की दवा | धूप भर खेले , लू की हवा ||
ऊँची सीढ़ी , कुप्पी का धुआं | मामा की दुकान और गहरा कुंआ ||
बनी सड़क और टूटा गाँव |
घनी धूप और छूटी छांव |
आगे शहर और पीछे गाँव |
बूढ़ा गाँव और टूटी नांव ||
- NK